The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत more info सदाहीं॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
मुण्डमाल तन shiv chalisa lyricsl क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥